सागर तू बन जा
माना टूटा-टूटा तू है
रब रूठा-रूठा तू है
खफा है बहुत, ये पता है मुझे
हुआ है क्या, ये बता तो मुझे
यूँ न नीर बरसा इन अँखियों से
काले बादल काहे बरसे रे।
सागर तू बन जा, प्रेमी
भीगा दे, प्रेम को काहे तरसे रे।
आँसू मोती हैं आँखों के,
रोये क्यों दिल भला
ये तो पल में गागर भर दे
रोये क्यों पगला, बेवजह
सागर तू बन जा, पगले
पग में थाम ले सारा जहां।
माना किनारा अब नहीं है कोई
मगर बेसहारा तो अब भी नहीं
हैसियत ले डूबी हक़ीक़त की जमीं
खोया न पाया अब भी कहीं।
सागर तू बन जा, बंजारे
बन जाए रे, पूरी कर अपनी कमी।
कहाँ किनारा है दर्द का,
दुख ही दुख दिखे चारो ओर
किसकी वजह से बैठा यहां
दिखे नहीं यहां कोई और!
सूख जाएंगे आंसू इक दिन
सुख के भी आएंगे दिन
नई कहानी लिखनी होगी,
अब बात पुरानी सब भूल जा
सागर तू बन जा, बह जा
ढूंढ ले अपने खुशियों का जहां।
सागर सा विस्तार रख ले
दिख में दुःख भले अपार रख ले
मोतिया ही देना सबको, दुख नहीं देना
अपने गमों का थोड़ा ख्याल रख के
दर्द ही देंगे सब, कुछ नहीं कहना
आगे बढ़ते जाना, चुप नहीं रहना
शोर लहरों में उठाना और
अपना परचम फहराना
सागर तू बन जा, प्यारे!
दर्द के बदले हँसी देते रहना।
आँसू मोती हैं आँखों के,
रोये क्यों दिल भला
ये तो पल में गागर भर दे
रोये क्यों पगला, बेवजह
सागर तू बन जा, पगले
पग में थाम ले सारा जहां।
#MJ
#प्रतियोगिता
Aliya khan
02-Aug-2021 09:08 AM
Nice
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Bharat Singh rawat
31-Jul-2021 04:57 PM
बहुत खूब
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मनोज कुमार "MJ"
31-Jul-2021 05:34 PM
Dhanyawad sir
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